Monday, October 12, 2009

अनुराग
वामना* की कामना** में
पुरोधिका* का त्याग,
क्या यही है अनुराग!

वदतोव्याघात करते हो,
वाग्दंड देते हो,
दावा है पुरुषश्रेष्ट का,
कैसा निभाया साथ!!
क्या यही है अनुराग!!

पुष्प का पुष्पज लेकर ,
मधुकर जताता प्यार,
गुनगुना कर, मन रिझाकर,
चूस लेता पराग!!
क्या यही है अनुराग!!

चारुचंद्र की चारुता,
मधुबाला की मादकता,
मधुमती की चपलता,
तजकर सब का प्यार,
क्यों लेते हो वैराग!!
क्या यही है अनुराग!!

डा. ग़ुलाम मुर्तज़ा शरीफ़


*वामना = अप्सरा (सुन्दर परी)
*
कामना = अभिलाषा (ख्वाहिश)
*पुरोधिका = सुशील स्त्री (नेक औरत)

2 comments:

  1. sundar vichar..badhaiyan. mera blog bhi dekhe. anusaran bhi kare taki meri rachnayen aap tak pahunchati rahe. mera blog hai-girish pankaj(http//sadbhawanadarpan.blogspot.com)

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  2. 'वामना की कामना में पुरोधिका का त्याग / क्या यही है अनुराग?' आदि काल से पूछा जाता सनातन प्रश्न जिसका उत्तर आज तक नहीं मिला. संवेदना पूर्ण रचना हेतु बधाई.

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