Monday, October 12, 2009

मेरा देश महान

मेरा देश महान रे साथी , मेरा देश महान l
जात -पात के भेद भाव से , हमें है बचकर चलना ,
हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,ईसाई , सबको एक समझना ,
प्यारी माता , धरती माता , हम तुझ पर बलिदान,
मेरा देश महान रे साथी , मेरा देश महान l
भरा स्वच्छ पानी नदियों में , जीवन का उल्ल्हास लिए ,
चहक-चहक कर गाते पक्षी, रंगों की बोछ्चार लिए ,
नन्हि- नन्ही बूंदों से , भरते हैं खेत खलिहान , मेरा देश महान रे साथी , मेरा देश महान l
सीमा पर हैं खड़े बहाद्दुर , सीना अपना ताने ,
चोके पार रहती हैं बहनें , पुष्ट हमें बनानें ,
खेतों पर हल बैल लिए , खड़ा है मस्त किसान ,
मेरा देश महान रे साथी , मेरा देश महान
मेरा देश महान

मेरा देश महान रे साथी , मेरा देश महान l
जात -पात के भेद भाव से , हमें है बचकर चलना ,
हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,ईसाई , सबको एक समझना ,
प्यारी माता , धरती माता , हम तुझ पर बलिदान,
मेरा देश महान रे साथी , मेरा देश महान l
भरा स्वच्छ पानी नदियों में , जीवन का उल्ल्हास लिए ,
चहक-चहक कर गाते पक्षी, रंगों की बोछ्चार लिए ,
नन्हि- नन्ही बूंदों से , भरते हैं खेत खलिहान , मेरा देश महान रे साथी , मेरा देश महान l
सीमा पर हैं खड़े बहाद्दुर , सीना अपना ताने ,
चोके पार रहती हैं बहनें , पुष्ट हमें बनानें ,
खेतों पर हल बैल लिए , खड़ा है मस्त किसान ,
मेरा देश महान रे साथी , मेरा देश महान
अनुराग
वामना* की कामना** में
पुरोधिका* का त्याग,
क्या यही है अनुराग!

वदतोव्याघात करते हो,
वाग्दंड देते हो,
दावा है पुरुषश्रेष्ट का,
कैसा निभाया साथ!!
क्या यही है अनुराग!!

पुष्प का पुष्पज लेकर ,
मधुकर जताता प्यार,
गुनगुना कर, मन रिझाकर,
चूस लेता पराग!!
क्या यही है अनुराग!!

चारुचंद्र की चारुता,
मधुबाला की मादकता,
मधुमती की चपलता,
तजकर सब का प्यार,
क्यों लेते हो वैराग!!
क्या यही है अनुराग!!

डा. ग़ुलाम मुर्तज़ा शरीफ़


*वामना = अप्सरा (सुन्दर परी)
*
कामना = अभिलाषा (ख्वाहिश)
*पुरोधिका = सुशील स्त्री (नेक औरत)